लेखनी कहानी - चुड़ैल - डरावनी कहानियाँ
चुड़ैल - डरावनी कहानियाँ
मेरा नाम अमित है! मै आप सब को एक आँखों देखा किस्सा सुनाने जा रहा हूँ! बात ४ – ५ साल पुराणी है ! उस समय हम करावल नगर (दिल्ली) में रहते थे! कुछ दिनों से हमारे मुहल्ले में एक चुड़ैल के घूमने की अफवाह फैली हुई थी! कुछ लोगों का कहना था की उन्होंने एक डरावनी औरत को रात के समय घूमते हुए देखा है! वह कभी घरों की छत पर तो कभी गलिओं में घूमती हुई दिखाई देती थी! इस वज़ह से लोगों ने छत पर सोना बंद कर दिया था! अँधेरा होते ही गलियाँ सुनसान हो जाती थी! एक दिन मुहल्ले के लोगों ने मिलकर रात भर पहरा भी दिया, मगर कोई नहीं आया!
मुझे इस बात पर बिलकुल विशवास नहीं था! जो भी चुड़ैल की बातें करता था, मै उसका मज़ाक उड़ाता था! मेरा मानना था कि यह लोगों का वहम है या तो कोई इन्सान लोगों को डरा रहा है!
एक रात घर क़ी लाइट गई हुई थी! सभी लोग अन्दर गर्मी में सोये हुए थे! चुड़ैल के डर से कोई छत पर जाने कि हिम्मत नहीं कर रहा था! मुझे भी ऊपर जाने क़ी मनाही थी! मगर जब गर्मी सहन नहीं हुई, मै अपना बिस्तर उठा कर छत पर चला गया! छत पर पहुँच कर मैंने देखा कि एक औरत छत की मुंडेर पर बैठी थी ! उसके हाथ में मॉस का एक टुकड़ा था, जिसे वह खा रही थी! उसका चेहरा दूसरी तरफ था, केवल उसके जानवरों जैसे हाथ दिखाई दे रहे थे! ये सब देखते ही मेरी हालत ख़राब हो गई! मै अपना बिस्तर वही छोड़ नीचे भाग गया और दरवाज़ा अच्छी तरह बंद कर लिया! उस दिन से मुझे भी चुड़ैल वाली बात पर विशवास हो गया!
अगले कुछ दिनों तक चुड़ैल देखे जाने की घटनाएँ होती रही पर कुछ दिनों बाद चुड़ैल दिखना बंद हो गई! लोगों का डर भी ख़तम होने लगा! मगर मैंने जो देखा उसे में कभी नहीं भोल सकता!